Lakshmi Mata Aarti (Om Jai Lakshmi Mata) Lyrics

Lakshmi Mata Aarti (Om Jai Lakshmi Mata) Lyrics written by Traditional Artist represents the Religious Hindu Music Ensemble. This is an Aarti to Please Goddess Lakshmi. It is believed that chanting this Aarti brings prosperity and wealth to the family.

Lakshmi Mata Aarti (Om Jai Lakshmi Mata) Lyrics

Om Jai Lakshmi Mata,
Maiya Jai Lakshmi Mata,

Tumko Nishdin Sevat,
Har Vishnu Dhyavat.
Om Jai Lakshmi Mata..x(2)

Uma Rama Bharmani
Tum Hi Jag Mata,
Surya Chandrma Dhyavat Naard Rishee Gata.
Om Jai Lakshmi Mata

Durga Roop Niranjani, Sukh Sampati Data,
Jo Koi Tum Ko Dhayata, Riddhi Siddhi Pata.
Om Jai Lakshmi Mata

Tum Patal Nivasini, Tum Hi Shubh Data,
Karam-Prabhav-Prakashini,
Bhav Nidhi Ki Trata.
Om Jai Lakshmi Mata

Jis Ghar Main Tum Rahti,
Sab Sadgun Aata,
Maiyaa sab Sadgun Aata,
Sub Sambhav Ho Jata,
Man Nahi Ghabrata.
Om Jai Lakshmi Mata

Tum Bin Yagya Na Hove,
Vastra No Koi Pata,
Khan-Pana Ka Vaibhav,
Sub Tumse Pata.
Om Jai Lakshmi Mata

Shubhgun Mandir Sundar,
Sheerodadhi Jata,
Ratan Chaturdhsh Tum Bin,
Koi Nahi Pata.
Om Jai Lakshmi Mata

Mahalakshmi Ji Ki Aarti,
Jo Koi Jan Gata,
pur Anand Samata,
Pap Utar Jata.
Om Jai Lakshmi Mata

Lakshmi Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत
हरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत
हरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत
हरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत
हरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता

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